इंतजार खत्म दिवाली वाले दिन से फंसे 41 श्रमिक सुरक्षित निकले तो मुस्कराया देश

17वें दिन जिंदगी में उजाला 400 घंटे फंसे रहे अंधेरी सुरंग में

सिलेक्यारा । दिवाली के दिन से अंधेरी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी में 17वें दिन उजाला आया। आशा-निराशा के बीच फंसे सभी मजदूरों को सेना,  राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ‌‍‍(एनडीआरएफ) समेत विभिन्न एजेंसियों व हाथ से खोदाई करने में दक्ष रैट माइनर्स के अथक प्रयासों से मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। रात करीब 7.50 बजे सुरंग से पहले विजय होरी को निकाला गया। 5 मिनट बाद दूसरे मजदूर गणपति होरी को निकाला गया। 45 मिनट तक चले अभियान में एक-एक कर सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया।

सभी मजदूरों का सुरंग में ही बनाए गए आठ बेड के अस्थाई अस्पताल में प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। फिर सभी मजदूरों को अलग-अलग एंबुलेंस से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया,  जहां पहले से ही आक्सीजन की सुविधा के साथ 41बेड तैयार रखे गए थे। सिलेक्यारा से मजदूर को लेकर रात 8 बजे पहली एंबुलेंस चिन्यालीसौड़ के लिए रवाना हुई। जरुर पड़ने पर मजदूरों को ऋषिकेश स्थित एम्स भेजने की भी तैयारी थी। चिन्यालीसौड़ हवाई पटटी पर चइनूक हेलिकॉप्टर को भी तैयार रखा गया था, लेकिन इसकी नौबत नहीं आई। पहाड़ जैसे संकट के सुखद समापन पर सुरंग के बाहर टकटकी लगाए परिजनों, बचावकर्मियों व साथी मजदूरों ने एक-दूसरे को गले लगा कर खुशी जताई। स्थानीय ग्रामीणों ने पटाखे भी फोड़े।

सबसे पहले युवा श्रमिक निकाला गया

सबसे पहले कम उम्र के मजदूर को बाहर निकाला गया। सभी मजदूर स्वस्थ हैं, लेकिन घर भेजने से पहले कुछ समय तक चिकित्सकों की निगरानी में रखें जायेंगे।

45 मिनट लगे सभी को बाहर निकालने में 

12 नवंबर को जब देश दीपावली मनाने की तैयारी में जुटा था, सुबह 5.30 बजे यह हादसा हुआ। इससे पूरा देश चिंतित हो उठा चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग में सिलेक्यारा छोर से करीब 200 मीटर अंदर 60 मीटर धंस गया था। 41 मजदूर टनल में करीब 400 घंटे तक जिंदगी से संघर्ष करते रहे।

About The Author

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top