तालमेल ही सेना की ताकत, ऑपरेशन सिंदूर सशक्त उदाहरण: जनरल द्विवेदी

तालमेल ही सेना की ताकत, ऑपरेशन सिंदूर सशक्त उदाहरण: जनरल द्विवेदी
माहे के जलावतरण पर बोले-समद्व, धरती व आकाश तीनों मिलकर तैयार करते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा का ढ़ांचा
नई दिल्ली/मुम्बई। सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सेनाओं में निहित है। आँपरेशन सिन्दुर इसका सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि साथ मिलकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं, जबकि अकेले नहीं कर सकते। सेना प्रमुख सोमवार को मुम्बई के नौसेना डाँकयार्ड में पनडुब्बी सेधी युद्वपोत माहे के जलावतारण के मौके पर आयोजित समारोह की मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि समुद्र-धरती और आकाश तीनों मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा का ढाँचा तैयार करते हैं। तीनों सेनायें देश की सामरिक शक्ति की त्रिमूर्ति है। माहे के नौसेना में शमिल होने से समुद्र में भारत का दबदबा बढ़ेगा और तटीय सुरक्षा मजबूत होगी। बहु-क्षेत्रिय ऑपरेशन के समय में समुद्र की गहरायी से लेकर सबसे ऊँची सीमा तक मिलकर काम करने की देश की क्षमता ही भारतीय गणराज्य के सुरक्षा प्रभाव के तय करेगी।
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि भारतीय सेना लद्दाख से लेकर हिंद महासागर तक, भ्रामक सूचनाओं से निपटने से लेकर जॉइट लाजिस्टिक्स तक, हर क्षेत्र में काम रही है। उन्होने कहा कि भारतीय सेना ने बदलाव के एक बड़ी दायरे में कई पहल शुरू की है, जिसमें संयक्तता एवं एकता जरूरी स्तम्भ है। आज के संघर्ष बहु-क्षेत्रिय, हाइब्रिड होगें और उनके लिए एकजुट देश की ताकत की जरूरत होगी।
नौसेना ने कहा कि माहे एक साइलेन्ट हंटर यानी मौन शिकारी हैं इसका जलावतरण उथले पानी के लड़ाकू पोती की एक नयी पीढ़ी के आगमन का प्रतीक है। माहे की खास तौर पर उथले तटीय इलाकों में पनडिब्बयों का पता लगाने के और उन्हें नष्ट करने, तटीय निगरानी तथा समुद्री सीमाओं की सुरक्षा जैसे अभियानों के लिए बनाया गया है। कॉम्पैक्ट आकार के बावजूद इसकी स्टील्थ तकनीक, मजबूत फायरपावर और तेजी इसे तटीय सुरक्षा में अत्यन्त प्रभावी बनाती है। 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरणों से तैयार यह पोत भारत की बढ़ती नौसैनिक डिजाइन क्षमता और स्वेदशी सामर्थ्य को दर्शाता है।
 उŸार भारत में बढ़ने लगी सर्दी कश्मीर में -5 सेल्सियस तापमान
         तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के 3 राज्यों में मसूलाधार बारिश
नई दिल्ली/ श्रीनगर/चेन्नइ। बारिश के बाद उŸार भारत अब सर्दी की चपेट में आते जा रहा है। कश्मीर घाटी में कई जगहों पर न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुँच गया है। पंजाब में भी कुछ जगहों पर पारा पाँच डिग्री सेल्सियस से नीचे गोता लगा रहा है। वहीं बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के तीन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश मंे बारिश का प्रकोप बना हुआ है। कुछ तटीय और कुछ में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर की ग्रीष्मकाली राजधानी श्रीनगर में रविवार की रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही है और पारा शून्य से 32 डिग्री नीचे दर्ज किया गया है। कश्मीर घाटी में शोपियां माइनस 5.1 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे ठंड रहा। पुलवामा में न्यूनतम तापमान शून्य से पाँच डिग्री नीचे रहा, जबकि अनंतनाग में माइनस चार डिग्री और उŸार कश्मीर के गुलमर्ग में माइनस 1.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाले जोजिला पास में पारा शून्य से 16 डिग्री नीचे चला गया है।

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