भारत-रूस शिखर वार्ता मोदी-पुतिन ने कहा, बाहरी दबाव झेलने में दोनों देश सक्षम, पांच साल में नई ऊंचाई छूयेंगे रिश्ते
ध्रुव तारे की तरह अटल है भारत-रूस की दोस्ती: मोदी
भारत को बिना रोक-टोक तेल देता रहेगा रूस: पुतिन
दोनों देश 2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमत, सात क्षेत्रों में कई समझौतों पर भी हुए हस्ताक्षर
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
नई दिल्ली। अमेरिका और यूरोपीय देशों के तमाम दबाव को दरकिनार कर भारत और रूस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को अगले पांच साल में तेल व रक्षा क्षेत्रों से भी आगे नई ऊंचाई पर ले जाने का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुक्रवार को हुई शिखर बैठक में दोनों देशों ने 2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति जताई। इसके अलावा 7 क्षेत्रों में कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए। शिखर वार्ता के बाद जारी साझा वक्तव्य के मुताबिक, दोनों नेताओं ने कहा कि मौजूद जटिल, तनावपूर्ण और अनिश्चित भू-राजनीतिक स्थिति में भी भारत-रूस के संबंध बाहरी दबाव झेलने में सक्षम है।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि भारत, रूस से तेल खरीद व परमाणु सहयोग जारी रखेगा और इस सहयोग को महत्वपूर्ण दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में भी आगे बढ़ायेगा। वहीं, रूस पक्ष ने स्पष्ट किया वह 2030 तक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने के प्रयास में अधिक भारतीय वस्तुओं का आयात करेगा। रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद के कारण व्यापार संतुलन अभी रूस के पक्ष में झुका है।
पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की और कहा पिछले आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता को कई चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। इन सबके बीच, भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अडिग रही है। आपसी सम्मान और गहरे विश्वास पर आधारित ये संबंध हमेशा समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हमारी मित्रता अटूट रही है।
वहीं पुतिन ने कहा कि रूस भारत को तेल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। साथ ही दोनों पक्षों ने साफ संकेत दिया कि अमेरिकी प्रतिबंधों का उनके रूख पर कोई असर नही पड़ने वाला। पुतिन ने कुडनकुलम में भारत के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र निर्माण में रूस के सहयोग का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा, शिखर बैठक में हमने 2030 तक के लिए आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर चर्चा की है और यूरेशियाई आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौत (एफटीए) को शीघ्र पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
हमारा लक्ष्य व्यापार और निवेश में विविधता लाना, संतुलन बनाना और उसे टिकाऊ बनाना है। यूरेशियाई आर्थिक संघ में रूस, आर्मोनिया, बेलारूस, कजाखस्तान और किर्गिजिस्तान, पांच देश सदस्य हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को ही आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबू करने के लिए मंच के रूप में कार्य करेगा। यह निर्यात, सहउत्पादन और सह-नवाचार के नए द्वार खोलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले हमोर संबंधों केा विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुचाया गया था। उन्होनें पिछले 25 वर्षों में इस संबंध को निरतंर पोषित किया है।
आंतकवाद: कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं दोनों देश
पीएम मोदी ने कहा, आंतकवाद के विरूद्व लड़ाई में भारत-रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आंतकी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर किया गया कायरतापूर्ण आघात, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आंतकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरूद्व वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
यूक्रेन युद्व पर भारत शांति के पक्ष में: युद्व के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि भारत तटस्थ नहीं है। भारत का एक पक्ष है और वह पक्ष शांति का है। हम शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं और हम शांति के लिए जाने वाले सभी प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
समय की कसौटी पर खड़ी दोस्ती : पीएम मोदी ने 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए हैदराबाद हाउस में रूसी राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में उन्हानें सोशल मीडिया पर लिखा कि दोनों नेताओं के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर खरी है।
अपने दो दिवसीय दौरे के बाद पुतिन शुक्रवार देर रात रूस रवाना हो गए।
हमारी मित्रता हमे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देगी
पीएम मोदी ने दुनिया के देशों की ओर से पड़ रहे दबाव के बीच साफ कर दिया कि इससे रूस से दोस्ती पर कोई आंच नहीं आयेगी। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें वैश्विक चुनौतियाके का सामना करने की शक्ति देगी।
ऊर्जा व स्वास्थ्य समेत कई समझौतो पर मुहर
रूस ने भारत के लिए बिना रूकावट ईधन आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं में भी सहयोग बढ़ेगा
रूसी नागरिकों के लिए 30 दिनों की मुक्त वीजा सुविधा इससे पर्यटन, मेडिकल और व्यापार यात्रायें बढ़ेगीं।
भारतीय कंपनियों ने रूस की यूरालेकम के साथ यूरिया प्लांट रूस में ही स्थापित करने का समझौता किया।
दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा नियमों को मजबूत करने के लिए समझतौत हुए।
मेडिकल अनुसंधान व स्वास्थ्य सेवाओं में समझौतों के तहत भारत को अत्याधुनिक तकनीक मिलेगी। रूस को भारत की सस्ती जैनरिक दवाइयों तक पहुुुंच मिलेगी।
बंदरगाह और शिपिंग में सहयोग समझौते के तहत समुद्री व्यापार अधिक तेज, सस्ता और प्रभावी होगा।
कामगारों की आवाजाही को आसान बनाने और प्रवास प्रक्रियाओं को सरल करने के लिए समझौता ।
रूपये व रूबल मे द्विपक्षीय भुगतान
व्यापार को बेहद आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान किया जायेगा। दोनों देशों निर्बाध व्यापार के लिए अपनी-अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं रूपये और रूबल में द्विपक्षीय निपटान प्रणलियों को विकसित करेेंगे।
छोटे परमाणु रिएक्टरों में बढ़ेगा सहयोग: भारत में रूसी रिएक्टरों के साथ दूसरे परमाणु ऊर्चा संयंत्र के निर्माण के लिए स्थल चयन और छोटे मॉडयूलर रिएक्टरों पर सहयोग पर पीएम मोदी और पुतिन के बीच चर्चा हुई। पुतिन ने कहा, हम छोटे रिएक्टरों क निर्माण पर सहयोग कर सकते हैं।


