- प्रयागराज। खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल के बाद अब थोक महंगाई भी नवंबर 2023 में बढ़कर 8 महीने के उच्च स्तर 0.26 फीसदी तक पहुंच गई। खाने-पीने की वस्तुओं और खासकर प्याज और सब्जियों की कीमतों में तेजी से उछाल से थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई बढ़ी है। सरकार मंहगाई पर लगाम लगाने में असफल रही है और आम जनता मंहगाई से परेशान हो रही है। इस पर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है । आने वाला समय में आम जनता को और मंहगाई से जूझना होगा।
खास बात है कि इस साल अप्रैल से लगातार सात महीने तक शून्य से नीचे रहने के बाद थोक महंगाई अब नकरात्मक दायरे में दिखाई दे रही है। आम जनता को और भी महंगाई से जूझना पड़ेगा।
मार्च, 2023 में थोक महंगाई 1.24 प्रतिशत थी, जबकि अक्टूबर में शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे थी, लेकिन आज महंगाई दुगुनी हो चुकी है जिससे आम जनता घरेलू उत्पाद खरीदने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले माह खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अक्टूबर के 2.53 फीसदी से बढ़कर 8.18 फीसदी पहुंच गई। सब्जियों की महंगाई दर भी -21.04 फीसदी से 10.44 फीसदी पहुंच गई।
आपूर्ति नहीं बढ़ी तो बिगड़ेगा बजट
बार्कलेज रिसर्च के अनुसार थोक खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी खुदरा कीमतों की तुलना में अधिक रही। यह दर्शाता है कि थोक विक्रेताओं ने मूल्यवृद्धि का पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर डाला। इससे दिसंबर और जनवरी में आपूर्ति नहीं बढ़ी तो खाने-पीने की वस्तुओं में बढ़ोतरी हो सकती है।
जनवरी तक प्याज 40-50 रूपए के नीचे नहीं
सरकार ने यदि लगाम नहीं लगाई तो प्यार की कीमत 57.02 रूपए से बढ़कर 60 रुपए प्रति किलो तक जाने ने की उम्मीद है। सोमवार को सचिव रोहित सिंह ने डलआयं ग्रोथ विद इंपैक्ट गवर्नमेंट समिट बताया, किसी ने कहा कि यह 100 रूपए प्रति किलो तक छू सकती है। अभी तक प्याज की कीमत बाजार में लगभग 50-60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। सरकार को तत्काल महंगाई पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए नहीं तो आने वाला समय में आम जनता को मंहगाई से जूझना पड़ेगा।