वंदे मातरम के टुकड़े करने के लिए दबाव में झुकी कांग्रेस, देश के बंटवारे पर भी झुकना पड़ा : मोदी

वंदे मातरम के टुकड़े करने के लिए दबाव में झुकी कांग्रेस, देश के बंटवारे पर भी झुकना पड़ा : मोदी
लोकसभा: पीएम बोले-नेहरू ने जिन्ना की भाषा बोली लोगों को जानने का हक, क्यों हुए वंदे मातरम के टुकड़े
आजादी की जंग का जयघोष अब विकसित आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रेरणाशक्ति
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वंदे मातरम के टुकड़े करने के लिए मुस्लिम लीग के दबाव के सामने झुक गयी, इसलिए उसे देश विभाजन के मामले में भी लीग के सामने झुकना पड़ा।
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसद के शीत सत्र के छठे दिन लोकसभा में बहस की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय गीत को आजादी की जंग का जयघोष, शक्तिशाली मंत्र और विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रेरणाशक्ति करार दिया। पीएम मोदी ने कहा, जवाहर लाल नेहरू ने वंदे मातरम पर मोहम्मद अली जिन्ना की भाषा बोली, मुस्लिम तुष्टीकरण करते हुए कांग्रेस वंदे मातरम पर झुक गयी। पीएम मोदी ने वंदे मातरम के 100वर्ष होने पर देश को आपातकाल में धकेलने के लिए भी कांग्रेस पर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने कहा, वह मंत्र जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जाप्रेरणा दी और साहस एवं दृढ़ संकल्प का मार्ग दिखाया, आज उस पवित्र वंदे मातरम को याद करना इस सदन में हम सभी के लिए बड़ा सौभाग्य है। वह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम वंदे मातरम के 150वर्ष पूरे होन के ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं, बकिम बाबू ने ऐसे समय वंदे मातरम की रचना की थी जब प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद देश में हताशा और निराशा का महौल था। भारत के स्वाभिमान, गौरवपूर्ण, संस्कृति, अतीत को कुचला जा रहा था। वह रचना अंग्रजों के गॉड सेव द किंग के गाने का जबाब था। बाद में यह रचना आजादी की जंग में प्राण न्योछावर करने वालों के लिए विजय घोष तो बन गयी मगर इसे वह सम्मान हासिल नहीं हुआ, जिसकी यह हकदार थी।
पीएम मोदी ने कहा, लोगों को जानने का हक है कि जिस रचना को 1905 में महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय गीत के योग्य माना, जिसने पूरे देश को उत्तर  से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक एक कर दिया, उस रचना के टुकडे़ कैसे हुए ?
टुकड़े करने के लिए बंगाल को चुना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विडंबना है कि कांग्रस ने वंदे मातरम के टुकडे़ करने के लिए बंकिम बाबू के बंगाल को चुना। जिन्ना ने सबसे पहले 15 अक्टूबर 1937ई॰ को लखनऊ में वंदे मातरम का विरोध किया।
इसके पांच दिन बाद नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पत्र लिख जिन्ना की भावनाओं से सहमति जताई। नेहरू ने इस पत्र में लिखा कि वंदे मातरम की आनंद मठ से जुड़ी पृष्ठभूमि मुसलमानों को क्षुब्ध कर सकती है। इसके बाद तुष्टीकरण की राजनीति का साधने के लिए 1937 में ही कोलकाता में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इसके टुकड़े कर दिये गये।
गांधीकी इच्छा दरकिनार पर क्यों हुआ अन्याय
वंदे मातरम हमें वैदिक घोषणा की याद दिलाता है, जिसका अर्थ है कि यह भूमि मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं। माहत्मा गांधी ने 1905ई॰में लिखा कि यह राष्ट्रगीत बन गया है। फिर वंदे मातरम के साथ अन्याय क्यों हुआ। वे कौन सी ताकतें थी, जो वंदे मातरम पर महात्मा गांधी की इच्छा को दरकिनार करने में इतनी शक्तिशाली थी। -नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री
सामूहिक रूप से वंदे मातरम का ऋण स्वीकार करें
विपक्ष पर चर्चा में  शामिल न होने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश को उत्तर  से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक एकजुट किया जाए। यहां कोई सब पक्ष और विपक्ष नहीं हैं । हम सामूहिक रूप से वंदे मातरम के ऋण की सराहना और स्वीकार करने के लिए यहां हैं। हम फिर एकजुट हों और मिलकर आगे बढ़े। यह गीत हमें स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने क लिए प्रेरित और ऊर्जावान करता है। देश ने हर चुनौती का सामना इस गीत में निहित भावना से किया
प्रधानमंत्री ने कहा, वंदे मातरम का सभी भारतवासियों पर कर्ज है। आजादी के इस जयघोष ने हमें गुलामी की जंजीरों से मुक्त किया। जब भी भारत को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, उसने वंदे मातरम में निहित भावनाओं से प्रेरित होकर जबाब दिया है।
पीएम ने कहा, कुछ पहलु को छोड़ देें, तो राष्ट्र बड़े पैमाने पर विपरीत हालात के बावजूद एकजुट रहा है। जब खाद्य सुरक्षा का संकट था तो किसानों ने वंदे मातरम की भावना से प्रेरित होकर अन्न के भंडार भर दिये।
पीएम मोदी ने वंदे मातरम को राष्ट्रीय शक्ति व क्षमता का स्त्रोत बताते हुए कहा, इसी भावना ने आपालकाल की मानसिकता को परास्त किया। जब देश पर युद्व थोपे गये, तो हमारे सैनिकों ने दुश्मन को हराया। हमने कोविड-19 को हराया और आगे बढ़े। भारत किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
पीएम ने कहा, वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं है, यह 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने की प्रेरणा है। हम स्वदेशी को ताकत देना चाहते हैं और वंदे मातरम हमारा मंत्र होगा।
बंकिम दा से बंकिम बाबू : पीएम मोदी के वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी को बंकिम दा कहने पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने आपत्ति  जताई। राय ने कहा, प्रधानमंत्री को महान कबि के नाम के साथ ज्यादा सम्मान सूचक शब्द बाबू लगाना चाहिये। पीएम मोदी ने कहा, मैं आपकी भावना का आदर करता हूं। अब बंकिम बाबू ही कहंूगा। हालांकि, मजाकिया अंदाज में उन्होंने पूछा, क्या मैं आपको दादा कह सकता हूूं ? या आपको उस पर भी आपत्ति  है ?
तब नेहरू, अब राहुल ने किया अनादर ..पीएम मोदी ने कहा, संसद में गंभीर बहस चल रही है पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अनुपस्थित हैं। पहले नेहरू और अब राहुल ने वंदेमातरम को लेकर असम्मान दिखाया है। पीएम मोदी ने कहा कि आईएनसी से कांग्रेस पार्टी एमएसी (मुस्लिम लीगी माओवादी कांग्रेस) बन गयी है।
ममता ने चर्चा का किया स्वागत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा में वेद मातरम पर चर्चा शुरू करने पर पीएम मोदी के कदम का स्वागत किया है। ममता ने कहा, हमें कोई दिक्कत नहीं है।
भाजपा के पूर्वजों ने न तिरंगे को तवज्जों दी, न राष्ट्रगान को: गोगोई
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पीएम मोदी के बयान पर कहा, आप कहते हैं कि वंदे मातरम राष्ट्रगान बने, पर, जब पूरे देश ने राष्ट्रगान के लिए जन-गण-मन को तवज्जो दिया, तो आपके सियासी पूर्वजों ने न तिरंगे को सम्मान दिया, न ही राष्ट्रगान को।
लोग प्रदूषण से परेशान हैं, रूपया गिर रहा है, दिल्ली में बम विस्फोट हुआ, प्रधानमंत्री ने इस पर एक बार भी चर्चा नहीं की।

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