सब्जियों समेत खाने-पीने की वस्तुओं और ईधन-बिजली की कीमतों में उछाल का असर
खुदरा महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर से बढ़ी पर, लगातार दूसरे माह एक फीसदी से कम
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
नई दिल्ली। सब्जियों समेत खाने-पीने की अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्वि से खुदरा महंगाई अक्टूबर के रिकॉर्ड निचले स्तर से बढ़कर नवंबर, 2025 में 0.71 फीसदी के स्तर पर पहुँच गयी। अक्टूबर में यह 0.25 फीसदी रही थी।
इस वृद्वि के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधरित खुदरा महंगाई 10वें महीेने आरबीआई के चार फीसदी के लक्ष्य के नीचे रही। साथ ही, यह लगातार दूसरा महीना है, जब यह एक फीसदी से भी कम रही। इससे पहले खुदरा महंगाई सितंबर में एक फीसदी से अधिक यानी 1.44 फीसदी रही थी।
राष्ट्रीय सांख्यिांकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कीमतों मे गिरावट के बावजूद पिछले महीने खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर में मासिक आधार पर बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इस दौरान खाद्य महंगाई बढ़कर (-) 3.91 फीसदी पहुंच गयी, जो अक्टूबर में (-) 5.02 फीसदी रही थी।
एनएसओ ने कहा, सब्जियों, मांस-मछली, अंडे, मसाले, दाल और ईधन-बिजली की कीमतों में वृद्वि के कारण मुख्य एवं खाद्य महंगाई में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है।
आगे महंगाई बढ़ने की आशंका 1.5 फीसदी के पार पहुंचेगी
रैटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, कुछ सब्जियों की कीमतों में बढ़ोत्तरी और तुलनात्मक आधार सामान्य होते रहने से अगली खुदरा महंगायी 1.5 फीसदी के पार पहुंच सकती है। उन्होंने कहा, आर्थिक वृद्वि एवं महंगाई के बदलते परिदृश्य के साथ आगामी केंद्रीय बजट में घोषित होने वाले वित्तीय उपाय भी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक के फैसलों की राह दिखाएंगे।
रेपो दर में कटौती की संभावना
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा, महंगाई के आगे चलकर बढ़ने का अनुमान हे, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष की पहली छमाही तक यह अपेक्षाकृत नियंत्रित ही रहेगी। आरबीआई ने अगले कदम आंकड़ों के आधार पर ही उठाने का संकेत दिया है, लिहाजा, रेपो दर 0.25फीसदी कटौती की संभावना बनी हुई है। हालांकि, कटौती का दौर अब समाप्ति की और है और इसके बाद लंबी अवधि के लिए दर में स्थिरता बनी रहेगी।
आरबीआई इस साल रेपो दर में कुल 1.25 फीसदी की कटौती कर चुका है।
0.71 फीसदी पहुंच गई सीपाई मुद्रास्फीति नवंबर में
शहरी और ग्रामीण महंगाई भी बढ़ी..आंकड़ों के मुताबिक, शहरी और ग्रामीण इलाकों में भी खुदरा महंगाई अक्टूबर की तुलना में बढ़ी है। शहरी महंगाई नवंबर में बढ़कर 1.40 फीसदी पर पहुंच गई, जो अक्टूबर में 0.88 फीसदी थी। ग्रामीण इलाकों में यह (-) 0.25 फीसदी से बढ़कर 0.10 फीसदी पहुुंच गयी।
सब्जी समेत ये वस्तुये महंगी
उत्पाद अक्टूबर नवंबर
सब्जियां -27.57फीसदी -22.20 फीसदी
दाल -16.15फीसदी -15.86फीसदी
मसाले -3.29फीसदी -2.89फीसदी
दूध 2.35फीसदी 2.45फीसदी
फल 6.69फीसदी 6.87फीसदी
मांस-मछली 1.74फीसदी 2.50फीसदी
अंडा 1.33फीसदी 3.77फीसदी
ईधन-बिजली 1.98फीसदी 2.32फीसदी
फ्रूड-बेवरेजेज -3.72फीसदी -2.78फीसदी
पर्सनल केयर 23.88फीसदी 24.04फीसदी
पान-तंबाकू 2.87फीसदी 2.96फीसदी
पंजाब-जम्मू समेत पांच राज्यों में दर सर्वाधिक
केरल 8.27फीसदी
कर्नाटक 2.64फीसदी
जम्मू-कश्मीर 2.61फीसदी
तमिलनाडू 2.08फीसदी
पंजाब 1.65फीसदी
दिल्ली सराफा बाजार में चांदी 5,100 बढ़कर 1,99,500 के नये शिखर पर
नई दिल्ली। चांदी की कीमतों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से रिकॉर्ड तेजी जारी है। शुक्रवार को यह दिल्ली सराफा बाजार में 5,100 रूपये महंगी होकर 1,99,500 रूपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुुंच गयी। सुरक्षित निवेश वाली परिसम्पतियो की सतत वैश्विक मांग के बीच चांदी की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी। वहीं सोना भी 1,110 रूपये मंहगा होकर 1,33,600 रूपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, घरेलू बाजार में हाजिर चांदी की कीमतों ने एक बार फिर नई ऊंचाई को छूआ,। वहीं, सोने दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई, जो रिकॉर्ड स्तर के पास पहुच गयी है। कीमती धातु मे उंछाल का कारण मुख्य रूप से रूपये में कमजोरी हैं। वहीं, कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख (करेंसी एवं कमोडिटी), अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ऐसे समय जब महंगाई का खतरा बढ़ रहा है, अमेरिकी फेंडरल का खतरा बढ़ रहा है, अमेरिकी फेंडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की कटौती के बाद सोने और चांदी में अच्दी तेजी आई है। अंतराष्ट्रीय बाजार में लगातार चौथे दिन बढ़त के साथ हाजिर चांदी एक फीसदी से ज्यादा बढ़कर 64.57 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गयी। हाजिर सोना भी 4,338.40 डॉलर प्रति औस रहा।
रिकॉर्ड बिक्री: पिछले महीने बिके 4.12 लाख से ज्यादा यात्री वाहन
जीएसटी कटौती से भी बिक्री की रफ्तार को मिला समर्थन
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
नई दिल्ली। त्योहारों के बाद भी मजबूत मांग बने रहने से यात्री वाहनों की थोक बिक्री नवंबर, 2025 में सालाना आधार पर 18.7 फीसदी बढ़कर 4,12,405 इकाई के नए शिखर पर पहुुंच गयी। एक साल पहले की समान अवधि में कुल 3,47,522 यात्री वाहन बिके थे।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सिमाम) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया ने पिछले महीने कुल 1,70,971 यात्री वाहन बेचे। यह नवंबर 2024 में बेचे गये 1,41,312 यात्री वाहनों से 21 फीसदी अधिक है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की थोक बिक्री बढ़कर 56,336 इकाई पहुंच गयी। इस दौरान हृयूंडई मोटर इंडिया ने 50,340 यात्री वाहन बेचे, जो सालाना आधार पर चार फीसदी अधिक है।
सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, त्योंहारों के बाद भी मजबूत मांग बने रहने और सरकार के जीएसटी सुधारों के समर्थन से घरेलू मोटर वाहन उद्योग ने नवंबर में बिक्री को रफ्तार को बरकरार रखा। यात्री वाहनों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों ने नवंबर में अब तक की सर्वाधिक बिक्री दर्ज की। उम्मीद है कि निरंतर सहायक नीतिगत सुधारों और बेहतर बाजार भावनाओ से यह वृद्वि 2026 में भी जारी रहेगी।


